2जी घोटाला: सु्प्रीम कोर्ट ने पीएमओ से लिखित जवाब मांगा
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में राजा के मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से पेश जवाब सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं कर पाया।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को प्रधानमंत्री के शपथपत्र के जरिए शनिवार तक लिखित जवाब पेश करने को कहा है। इसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के खिलाफ शिकायतों पर पीएमओ की कार्रवाई का पूरा विवरण होना चाहिए। जस्टिस गणपतसिंह सिंघवी और एके गांगुली की पीठ ने सरकार से 20 नवंबर तक अपना लिखित जवाब पेश करने को कहा है। इसके बाद याचिकाकर्ता जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्र±मण्यम स्वामी को 22 नवंबर तक अपना जवाब पेश करना है। इसके अगले दिन से कोर्ट इस मामले पर आगे की सुनवाई करेगी। मालूम हो कि इस घोटाले में ए राजा के खिलाफ कार्रवाई पर चुप्पी को लेकर पीएमओ ने सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को अपनी सफाई दी थी।
इससे पहले, इस सप्ताह के शुरू में सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि राजा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मंजूरी के लिए दी गई अर्जी पर कार्रवाई न करना और मंजूरी देने वाले अधिकारी- प्रधानमंत्री- की परेशान करने वाली है।
कोर्ट ने पूछा था कि पर्याप्त सबूत होने के बावजूद पीएमओ ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर कार्रवाई में देरी क्यों की। सरकार को यह बताना है कि याचिकाकर्ता सुब्र±मण्यम स्वामी की शिकायत मिलने के बावजूद प्रधानमंत्री कार्यालय 11 महीने तक क्यों चुप बैठा रहा। याचिकाकर्ता स्वामी ने शिकायत की थी कि ए राजा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में शामिल है, लिहाजा उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की इजाजत दी जाए.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को प्रधानमंत्री के शपथपत्र के जरिए शनिवार तक लिखित जवाब पेश करने को कहा है। इसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के खिलाफ शिकायतों पर पीएमओ की कार्रवाई का पूरा विवरण होना चाहिए। जस्टिस गणपतसिंह सिंघवी और एके गांगुली की पीठ ने सरकार से 20 नवंबर तक अपना लिखित जवाब पेश करने को कहा है। इसके बाद याचिकाकर्ता जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्र±मण्यम स्वामी को 22 नवंबर तक अपना जवाब पेश करना है। इसके अगले दिन से कोर्ट इस मामले पर आगे की सुनवाई करेगी। मालूम हो कि इस घोटाले में ए राजा के खिलाफ कार्रवाई पर चुप्पी को लेकर पीएमओ ने सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को अपनी सफाई दी थी।
इससे पहले, इस सप्ताह के शुरू में सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि राजा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मंजूरी के लिए दी गई अर्जी पर कार्रवाई न करना और मंजूरी देने वाले अधिकारी- प्रधानमंत्री- की परेशान करने वाली है।
कोर्ट ने पूछा था कि पर्याप्त सबूत होने के बावजूद पीएमओ ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर कार्रवाई में देरी क्यों की। सरकार को यह बताना है कि याचिकाकर्ता सुब्र±मण्यम स्वामी की शिकायत मिलने के बावजूद प्रधानमंत्री कार्यालय 11 महीने तक क्यों चुप बैठा रहा। याचिकाकर्ता स्वामी ने शिकायत की थी कि ए राजा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में शामिल है, लिहाजा उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की इजाजत दी जाए.
No comments:
Post a Comment